शीलाज़ीत के स्वास्थ्य के लिए फायदे , साइड इफेक्ट्स और सही उपयोग जानें
शीलाज़ीत एक प्राकृतिक पदार्थ है, जो हिमालय, तिब्बत, और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। यह एक गहरे रंग का रेजिन है, जो पथरीले क्षेत्रों के बीच से रिसता है। शीलाज़ीत का उपयोग आयुर्वेद में हजारों सालों से औषधि के रूप में किया जाता रहा है। इसके गुणों के कारण इसे ‘संजीवनी’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में मदद करता है। इसमें प्रमुख रूप से फुल्विक एसिड और 84 से अधिक खनिज तत्व पाए जाते हैं, जो इसे अद्वितीय बनाते हैं।
शीलाज़ीत के फायदे
- ऊर्जा में वृद्धि: शीलाज़ीत शरीर को ऊर्जावान बनाता है और थकान को कम करता है। इसमें पाए जाने वाले खनिज और फुल्विक एसिड ऊर्जा स्तर को बढ़ाते हैं और मांसपेशियों की ताकत को भी बढ़ाते हैं।
- यौन स्वास्थ्य: शीलाज़ीत का उपयोग यौन स्वास्थ्य को सुधारने के लिए किया जाता है। यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में सहायक होता है और स्त्रियों में प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।
- प्रतिरोधक क्षमता में सुधार: शीलाज़ीत के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे शरीर को संक्रमण और अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।
- मस्तिष्क स्वास्थ्य: शीलाज़ीत मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। यह स्मरण शक्ति को बढ़ाता है और एकाग्रता में सुधार करता है। इसे अल्जाइमर और अन्य मस्तिष्क संबंधी समस्याओं में भी सहायक माना जाता है।
- हड्डियों और जोड़ों का स्वास्थ्य: शीलाज़ीत में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और हड्डियों के स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होते हैं।
- एंटीऑक्सीडेंट गुण: शीलाज़ीत एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करता है और त्वचा को युवा बनाए रखने में मदद करता है।
शीलाज़ीत के साइड इफेक्ट्स
हालांकि शीलाज़ीत के कई फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:
- उल्टी और मतली: शीलाज़ीत का अधिक मात्रा में सेवन करने से उल्टी, मतली और पेट खराब हो सकता है।
- एलर्जी: कुछ लोगों को शीलाज़ीत से एलर्जी हो सकती है। यह त्वचा पर रैशेज, खुजली, और लालिमा उत्पन्न कर सकता है।
- ब्लड प्रेशर पर प्रभाव: शीलाज़ीत का सेवन करने से ब्लड प्रेशर का स्तर कम हो सकता है, इसलिए लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों को इसे सावधानीपूर्वक लेना चाहिए।
- लोहे का अधिकता: शीलाज़ीत में उच्च मात्रा में आयरन होता है, इसलिए जिन्हें शरीर में आयरन की अधिकता की समस्या है, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
शीलाज़ीत का उपयोग कैसे करें?
शीलाज़ीत का उपयोग करने का सही तरीका यह है कि इसे पानी, दूध, या गर्म पेय पदार्थ के साथ मिलाकर लिया जाए। इसकी मात्रा हमेशा कम से कम रखें और डॉक्टर या आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह से ही सेवन करें। इसके सेवन के कुछ सामान्य तरीके निम्नलिखित हैं:
- शीलाज़ीत पाउडर या रेजिन: एक चुटकी या एक चम्मच शीलाज़ीत पाउडर या रेजिन को गर्म पानी या दूध में मिलाकर सुबह खाली पेट लें। शुरुआत में इसका सेवन कम मात्रा में करें और धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाएं।
- कैप्सूल: बाजार में शीलाज़ीत कैप्सूल भी उपलब्ध हैं। आप इसे डॉक्टर के सुझाव अनुसार खुराक के अनुसार ले सकते हैं।
- खाली पेट सेवन: शीलाज़ीत का अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए इसे सुबह खाली पेट लेने की सलाह दी जाती है, ताकि इसका पूरा लाभ मिल सके।
सावधानियां
- गर्भवती महिलाओं और बच्चों को शीलाज़ीत का सेवन नहीं करना चाहिए।
- किसी अन्य बीमारी के इलाज के दौरान शीलाज़ीत का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
- हमेशा शुद्ध और असली शीलाज़ीत का ही सेवन करें, क्योंकि नकली शीलाज़ीत सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
निष्कर्ष
शीलाज़ीत एक प्राकृतिक औषधि है, जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, और यौन स्वास्थ्य में सुधार करता है। लेकिन इसका सेवन करते समय सावधानियां बरतना आवश्यक है।